कई रसोइयों के बंद होने से फक्कड़बाबाओं व मजदूरों के सामने पैदा हुई भोजन की समस्या




 कई रसोइयों के बंद होने से फक्कड़बाबाओं व मजदूरों के सामने पैदा हुई भोजन की समस्या

प्रमोद गिरि

हरिद्वार। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के लाक डाउन के अचानक लगने से  तीर्थ नगरी के हजारों लोगों के सामने भोजन की समस्या पैदा हो गई थी जिसको उत्तरी हरिद्वार की संस्थाओं ने मानव सेवा ईश्वर सेवा मानकर आगे बढ़कर भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया और पहले दिन के लाक डाउन से लेकर आज तक उत्तरी हरिद्वार की लगभग 5 से 10 बड़ी संस्थाओं द्वारा रोजाना लगभग हजारों लोगों को भोजन वितरण कर लोगों की पेट की आग को बुझाया जा रहा था। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा उक्त संस्थाओं की मॉनिटरिंग तो समय समय पर की गई लेकिन संस्थाओं को कोई आर्थिक पैकेज या राशन उपलब्ध ना कराए जाने के कारण संस्थाओं के सामने राशन व पैसे की दिक्कत आने लगी जिससे उत्तरी हरिद्वार की लगभग पाच या छ: संस्थाओं ने आज से अपनी भोजन की रसोई बंद कर दी है जिससे फक्कड़ बाबा मजदूर व निर्बल वर्ग के लोगों के सामने भोजन की समस्या पैदा होना स्वाभाविक है । संस्थाओं के प्रतिनिधियों व संचालकों द्वारा लोगों से सहायता लेकर के इन रसोइयों को चलाया जा रहा था लेकिन लंबे लाख डाउन के चलते अब संस्थाओं के संचालकों द्वारा भी रसोई चलाना भारी पड़ रहा था तो इन रसोई संचालकों ने सरकार द्वारा कोई आश्वासन न मिलने के कारण अपनी अपनी रसोइयों को बंद कर दिया है अब गौरतलब बात यह होगी कि क्या शासन प्रशासन इन घुमक्कड़ फक्कड़ बाबा मजदूर व निर्बल वर्ग के लोगों के आज की रात से किस योजना को धरातल पर उतारकर भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराएगा। यदि आज शासन प्रशासन भोजन की व्यवस्था नहीं करा पाया तो फक्कड़ बाबा मजदूरों व निर्बल वर्ग के लोगों को रात को भूखे पेट ही सोना पड़ेगा।बताते चले कि बीते कल जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा कई संस्थाओं की बैठक ली गई थी। जिसमें संस्थाओं को कोई राहत पैकेज या राशन उपलब्ध  कराए जाने की बात को नहीं कहा गया जिससे आज कई धार्मिक संस्थाओं ने अपनी अपनी रसोई बन्द कर दी है तो आज से उत्तरी हरिद्वार में घुमक्कड़ फक्कड़ बाबा मजदूर व निर्बल वर्ग के लोगों के सामने भोजन की समस्या पैदा हो जाएगी समय रहते शासन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो भूखे पेट लोगों की मौत होना स्वाभाविक है या फिर यह भूखे लोग अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतुर हो जाएंगे समाजसेवी जेपी बडोनी व मास्टर सतीश, शर्मा विपिन शर्मा ने बताया कि लगभग हजारों की संख्या में उत्तरी हरिद्वार में लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था शासन प्रशासन के द्वारा केवल मॉनिटरिंग की गई लेकिन कोई भंडारा चलाने के लिए राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई जिससे इन रसोइयों का बंद होना लाजमी था। उन्होंने संयुक्त रूप में कहा कि सरकार यदि समय रहते उन्हें राशन भी उपलब्ध कराती रहती तो लगातार तन मन से लोगों की सेवा में जुटे रहते।